Sunday, April 19, 2015

तेरे होने से, ना होना भला है...
मेरी हक़ीक़त से, मेरा सपना भला है...
यूँ तो जीते थे कश्मकश में हम...
अब लगता है जीने से, मरना भला है!
ज़माने से ग़मों को छुपाता था वो...
हाँ, सामने सबके मुस्कुराता था वो...
चाहत थी उसकी भी बेइन्तहां जीने की...
पुराना कुछ सोच कर पर सहम जाता था वो!

Wednesday, December 19, 2012

खूब हो रहा भारत निर्माण,
वहशी बनता हिंदुस्तान,
नारी का करता अपमान,
क्या फिर भी अपना देश महान??...:(

Saturday, November 10, 2012

ख़ुदा से ख़ैर माँगा तो मुझे रुसवाई उसने दी ...
पलट कर चाह मांगी तो मुझे तन्हाई उसने दी ...
दुआ के वास्ते सजदे में मैंने सर झुकाया तो ...
अहम् का बोध देकर फिर मुझे ख़ुदाई उसने दी!!

Thursday, June 21, 2012


सदियों की तमन्ना यूँ बेज़ार न होती...
ग़र वो चिलमन गिरा कर यूँ शरमाए न होते...
उनके तस्सवुर में जीने की ख्वाईश न होती...
ग़र वो नैनों से यूँ मुस्कुराये न होते...

Monday, November 07, 2011

उनके दिल में थोड़ी सी जगह मिल गई होती,
पलटकर देखते एक बार तो सदियाँ गुज़र गई होती,
हम भी हो गए होते कुर्बान इश्क़ पे...
रुखसत होते हुए ग़र यार की झलक मिल गई होती....

Thursday, August 18, 2011

हुक्मरानों को आज बता दो जनशक्ति क्या होती है...
हठ पे गर
जवानी आये तो युवाशक्ति क्या होती है...
एक बूढ़े शेर ने दिखाया की इच्छा शक्ति क्या होती है...
अब तो समझो देशद्रोहियों...देशभक्ति क्या होती है!

Thursday, April 14, 2011

किसी के ख्वाबों को पूरा करना चाहता हूँ,
अपने अरमानों के लिए खुद ही लड़ना चाहता हूँ,
ओ खुदा! तुझसे यही दुआ अब हर रोज़ करता हूँ,
कुछ और नहीं बस मैं धोनी बनाना चाहता हूँ!!

Friday, April 08, 2011

दूर कहीं किसी को आतंक ने लूटा है,
तो पास कहीं किसी को भूकंप ने लूटा है,
पर हम दुनिया में सबसे बिरले हैं,
क्यूंकि हमें तो खुद अपनों ने लूटा है!!

Saturday, March 19, 2011

पीपल की ठंडी छाँव सा माँ का आँचल ढूंढता हूँ, 
बहना के हाथों से राखी का बंधन ढूंढता हूँ,
उस समय की आंधी में खोया हुआ वो रिश्ता ढूंढता हूँ,
उन बीते हुए लम्हों में अपना बचपन ढूंढता हूँ!

उन गलियों, उन चौबारों में यारों को ढूंढता हूँ, 
वो निश्छल, वो निःस्वार्थ भाव का अंकुर ढूंढता हूँ,
उन बिना बात के बातों का कारण अब ढूंढता हूँ,
उन बीते हुए लम्हों में अपना बचपन ढूंढता हूँ!

उन नए पगों की लचक, और वो ज़ज्बा ढूंढता हूँ, 
वो धुंधली पड़ी यादों का कोई कारण ढूंढता हूँ,
जो बिना बोले हर बात समझे वो साथी ढूंढता हूँ,
उन बीते हुए लम्हों में अपना बचपन ढूंढता हूँ!

ये समय चक्र गतिवान है मैं ये जानता हूँ, 
जो बीत गई सो बात गई मैं ये भी मानता हूँ,
फिर उस वक़्त की असफल ख़ोज से मैं अब ये सोचता हूँ,
जाने क्यूँ अब मैं हर पल अपना बचपन ढूंढता हूँ!!    

Wednesday, March 16, 2011

रुख्सार से ये चिलमन हटाती क्यूँ नहीं,
ख़ुदा का दिया हुस्न आखिर दिखाती क्यूँ नहीं,
हम करते हैं इज़हारे-ए-मोहब्बत बस तुम्हीं से,
सच्चे आशिकों को आखिर पहचानती क्यूँ नहीं!! 



Saturday, March 12, 2011

नज़्म लिखता हूँ जुदाई में तुम्हारी,
कशीदे पढ़ता हूँ खुदाई में तुम्हारी!
ये तो मशगूल रहने की फितरत है हमारी,
क्यूँकि तन्हाइयों में याद आती है तुम्हारी!


Saturday, March 05, 2011

आफताबी, आफत-ऐ-जान या आफरीन हो तुम,
बन रक़ीब मैं पल-पल ये ही सोचूं की क्या हो तुम, 
मोहब्बत के अनकहे अलफ़ाज़ की दास्ताँ हो तुम,
मेरी नज़रों से देखो तो मेरे दोनों ज़हां हो तुम!

Sunday, February 27, 2011

रब की इबादत में उम्र ढल गई,
पर उसको मेरी तड़प की खबर ही नहीं,
होता अगर रास्ता तो पूछता रब से यही,
पत्थर की मूरत हो या तुम हो ही नहीं!

Friday, February 04, 2011

गुस्ताखी तो कि थी इस दिल ने,
पर भींगी क्यूँ इसमें पलकें हमारी,
तन्हाइयों में गूंजने लगी सिसकियाँ,
क्या ये ही थी चाहत कि सज़ा हमारी!

Tuesday, February 01, 2011

चेहरा हसीं हो तो छाप रह जाती है,
बोल मीठे हों तो याद रह जाती है,
कविता में कितनी भी भावना हो दोस्तों,
कविता के बाद बस दाद रह जाती है!

Monday, January 17, 2011

अनजाने चेहरों में हमसफ़र ढूंढता हूँ,
अनजानी राहों में मंज़िल ढूंढता हूँ,
कभी सोचता हूँ भटकता हुआ मैं,
अकेले में ये आखिर मैं क्या ढूंढता हूँ!
आज पुरानी राहों से तुम फिर से मुझे आवाज दो,
कह दो कि तुम मेरी हो...मेरी गीतों को आवाज दो,
दुनिया के ढोंगी रस्मों को..आगे बढ़ो..और तोड़ दो,
इतिहास नया हम लिखेंगे..विश्वास करो..सब छोड़ दो!

Thursday, January 13, 2011

मतवाली सी,भोली सी आँखें,

उठती हैं ....झुक जाती हैं ,

उठ कर जीने की हसरत देती,

झुक कर रुसवा कर जाती हैं ।

Wednesday, January 12, 2011

जन्नत तक जाने का जिसने सपना था दिखलाया ,
दुनिया में अव्वल आने कि तड़पन जिसने था भर पाया ,
उस कर्मठ को,उस निश्छल को, दुनिया ने आज नकार दिया !
क्या ये उसकी गलती थी जो उसने स्वदेश से प्यार किया !